Biography of apj abdul kalam in Hindi (birth, family, study, degree, career, achievement, books, death)
भारत के महान वैज्ञानिक, पूर्व राष्ट्रपति और मिसाइल मैन के नाम से मशहूर होने वाले एपीजे अब्दुल कलाम को कौन नही जानता। एपीजे अब्दुल दुनिया भर के लोगो के लिए एक प्रेरणा है। उन्होने भारत को परमाणू सम्पन्न देश बनाने में अहम भूमिका निभाई थी। ऐपीजे अब्दुल कलाम की पूरी जिन्दगी मोटिवेशन से भरी हुई है। आज इस लेख में हम आपको एपीजे अब्दुल कलाम की जिन्दगी के बारे में विस्तार से बताने है।
Biography of apj abdul kalam in Hindi (short introduction)
पूरा नाम | अवुल पकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम (डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम) |
जन्म (Date of Birth) | 15-अक्टूबर -1931 |
जन्म स्थान (Birth Place) | धनुषकोडी, रामेश्वरम, तमिलनाडु, भारत |
पिता का नाम (Father’s Name) | जैनुलाब्दीन |
माता का नाम (Mother’s Name) | असीम्मा |
पत्नी (Wife) | नहीं है (शादी नहीं की) |
व्यवसाय | इंजीनियर, वैज्ञानिक, लेखक, प्रोफेसर, राजनीतिज्ञ |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
निधन | 27 जुलाई 2015, शिलांग, मेघालय, भारत |
राष्ट्रपति का कार्यकाल | 25 जुलाई 2002 से 25 जुलाई 2007 तक |
एपीजे अब्दुल कलाम का जीवन परिचय
एक बेहद ही आम परिवार में पैदा होकर देश के सवोच्च पद तक पहुंचने वाले एपीज अब्दुल कलाम का जन्म तमिलनाडु में रामेश्वरम नाम के शहर में 15 अक्टूबर 1931 को हुआ था। वो एक तमिल मुस्लिम परिवार में पैदा हुये थे। इनके पिता का नाम जैनुलाबदीन था जो एक नाव के मालिक होने के साथ एक स्थानीय मस्जिद के इमाम भी थे। उनकी मां का नाम आशिअम्मा था जो कि एक हाउस वाइफ थी। अब्दुल कलाम का परिवार बेहद गरीब था। उनके पिता की नाव ही उनके परिवार की रोजी राटी का सहारा था। अब्दुल कलाम के पिता हिंदू तीर्थयात्रियों को अपनी नाव से रामेश्वरम से निर्जन धनुषकोडी के मन्दिर तक ले जाते थे। अब्दुल कलाम के अलावा उनके तीन बेटे और एक बेटी थी। अब्दुल कलाम अपने भाई बहनो में सबसे छोटे थे।
अब्दुल कलाम ने अपने घर की गरीबी को बचपन से देखा था। वो अपने बचपन के दिनो से ही अपने पिता की मदद किया करते थे। वो अपने पिता के साथ निकल जाया करते थे और अपने पिता को नाव की सवारी दिलवाने में उनकी मदद करते थे। अब्दुल कलाम के पिता अनपढ़ जरूर थे लेकिन उन्हे पता था कि शिक्षा उनके बच्चो के लिए कितनी ज्यादा जरूरी है। वो नावो को किराये पर देने और बेचने का काम भी किया करते थे।

अपने बचपन में अखबार बेचा करते थे अब्दुल कलाम
एपीजे अब्दुल कलाम का परिवार काफी बड़ा था। पिता की इनकम तो थी लेकिन परिवार के बडे होने के चलते मुश्किल से ही गुजारा हो पाता था। अब्दुल कलाम को अपनी परिवार की गरीबी की हमेशा चिन्ता रहा करती थी। अपने परिवार की मदद करने के लिए उन्होने अपने बचपने में ही अखबार बेचना शुरू कर दिया था। वो रेलवे स्टेशन से अखबारो की अखबारों की गड्डी उठाते थे। फिर सडके के किनारे या घरो में जाकर उन अखबारो को बेच दिया करते थे।
ऐपीज अब्दुल कलाम को पढने का शुरू से ही काफी शौक रहा है। वो जिन अखबारो को बेचा करते थे उन्हे भी अच्छे से पढ़ लिया करते थे। अपने स्कूल के दिनो से उन्हे अन्दर नई चीजो को सीखने की ललक पैदा हो गई थी। वो अक्सर समुद्र के किनारे खडे होकर आसमान में उड़ने वाले परिन्दो को निहारा करते थे। आसमान की ना खत्म होने वाली दुनिया उन्हे बचपन से ही काफी ज्यादा आर्कषित करती थी। उन्होने अपने बचपन में ही सोच लिया था कि वो बडे़ होकर कुछ ऐसा करेगे जिससे वो आसमान की ऊचाईयो में उड़ सके ।
APJ Abdul Kalam Education
एपीजे अब्दुल कलाम ने अपनी स्कूली जीवन की शुरूआत तमिलनार्ड के रामानाथपुरम के एक स्कूल Schwartz Higher Secondary School से की। वो अपने स्कूल के दिनो में अपने एक टीचर अयादुरै सोलोमन से काफी ज्यादा प्रभावित थे। अयादुर सोलोमन ने ही पहली बार अब्दुल कलाम को ये सीख दी थी। कि इन्सान को ख्वाब हमेशा बड़े देखने चाहिए और ख्वाहिश, उम्मीद और यकीन को हमेशा अपनी जिन्दगी में अपने साथ रखना चाहिए। अब्दुल कलाम ने अपने टीचर के इसी फलसफे को अपने बचपन के दिनो से ही अपने जीवन में उतार लिया था।
अपनी शुरूआती एजुकेशन को पूरा करने के बाद डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम आगे की पढ़ाई करने के लिए तिरूचिरापल्ली चले गये। उन्होने 1954 में तिरूचिरापल्ली के सेंट जोसेफ कॉलेज से बी.एस.सी. की डिग्री हासिल की। सेंट जोसेफ कॉलेज से ग्रेजुएशन करने के बाद उन्हे एहसास हुआ कि भौतिकी उनका प्रिय विषय नही है। बचपन से अब्दुल कलाम का सपना था कि वो आसमान की ऊचाईयो की छू सके। अपने इसी सपने को पूरा करने के लिए उन्होने मद्रास के इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलाजी (एम.आई.टी) में दाखिला ले लिया। एम.आई.टी से एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में डिग्री लेने के बाद एयरफोर्स की परिक्षा दी लेकिन इस परिक्षा में वो सफल नही हो पाये। अब्दुल कलाम का सपना इंडियन एयरफोर्स जॉइन करने का था। भर्ती परीक्षा में शामिल होने वाले 25 में से 8 उम्मीदवारों का चयन होना था। कलाम साहब नौवें स्थान पर रहे। उनका ये सपना तो टूट गया।
एयरफोर्स की नौकरी नही मिलने के कारण ऐपीजे अब्दुल कलाम खुद से काफी निराश हो गये और ऋषिकेश चले। ऋषिकेश में उनकी मुलाकाम स्वामी शिवानन्द से हुई। स्वामी शिवानन्द ने उन्हे गीता का ज्ञान देते हुए समझाया कि नियति तुमसे कोई बहुत बड़ा काम करवाना चाहती है। इसी वजह से तुम्हारा चयन एयरफोर्स में नही हो पाया। इसलिए जाओ और कर्म करो और बाकी सब नियति पर छोड़ दे।
स्वामी शिवानन्द की बात सुनकर वो बैगलौर चले गये। बैगलौंर में जाकर उन्होन रक्षा अनसंधान और विकास संगठन में एक वैज्ञानिक के रूप में काम करना शुरू कर दिया। वो अपने कैरियर में भारत के महान वैज्ञानिक विक्रम साराभाई के साथ भी काम कर चुके है।
एपीजे अब्दुल कलाम को पहली बड़ी सफलता तब मिली जब उन्हे 1960 में इसरो में काम करने का मौका मिला। इसरो में पहुंचकर उन्होने परियोजना निर्दशन के रूप में काम करना शुरू कर दिया। इसी पद पर काम करते समय भारत का प्रथम उपग्रह रोहिणी पृथ्वी की कक्षा में वर्ष 1980 में स्थापित किया गया। इसरो में शामिल होना डॉ एपीजे अब्दुल कलाम के लिए बहुत ही सौभाग्य की बात थी, क्योंकि उनको ऐसा लगा कि जिस उद्देश्य के लिए वह जी रहे है उनका वह उद्देश्य पूरा होने लगा है।
वर्ष 1963-64 में अब्दुल कलाम ने अमेरिकी संगठन नासा (NASA) में भी दौरा किया। भारत के प्रसिद्ध परमाणु वैज्ञानिक राजा रमन्ना ने पहला परमाणु परीक्षण किया जिसमें कलाम जी को परीक्षण करने के लिए बुलाया गया। 1970-1980 के दशक में डॉ अब्दुल कलाम अपने कार्याे की सफलता के कारण देश के प्रसिद्ध वैज्ञानिक बन गये । उस समय की प्रधानमंत्री श्रीमति इंदिरा गांधी ने अपने केबिनेट की मंजूरी के बिना ही कुछ गुप्त कार्यों के लिए अनुमति दी थी।

जब अब्दुल कलाम बने देश के राष्ट्रपति
Dr Kalam अपने कार्यों की सफलता और अपनी उपलब्धियों के कारण राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की सरकार ने डॉ एपीजे अब्दुल कलाम को 2002 को राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार बनाया। अब्दुल कलाम जे ने अपने प्रतिद्वंदी लक्ष्मी सहगल को भारी मतों से हराकर 25 जुलाई 2002 को भारत के 11वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली। Dr APJ Abdul Kalam एक ऐसे राष्ट्रपति है जिनको राष्ट्रपति बनने से पहले भारत रत्न का पुरस्कार मिल चुका है। अब्दुल कलाम से पहले दो और राष्ट्रपति डॉ जाकिर हुसैन और डॉ राधाकृष्णन को यह भारत रत्न का पुरस्कार भी मिल चुका है।
राष्ट्रपति के दायित्व से मुक्ति होने के बाद डॉ कलाम ने कई शैक्षणिक संस्थानों में मानद फेलो व एक विजिटर प्रोफेसर बन गये थे। उन्होनें बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी में जैसे मानी यूनिवर्सिटी में भी सूचना प्रौद्योगिकी में कार्य किया।
कलाम हमेशा से ही देश के युवाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत रहे है। डॉ कलाम हमेशा से युवाओं के भविष्य को बेहतर बनाने के लिए कई तरह के प्रयास करते रहें है। अब्दुल कलाम का उद्देश्य यह था कि वह भारत से भ्रष्टाचार को हटा दें। देश के युवाओं ने उनकी लोकप्रियता को देखकर डॉ अब्दुल कलाम को दो बार “एम टी वी यूथ आइकॉन ऑफ द ईयर अवार्ड“ से नवाजा था।
APJ Abdul kalam books
- Wings of Fire: An Autobiography.
- Ignited Minds: Unleashing the Power Within India.
- Arohan: Pramukh Swamiji Ke Saath Mera Adyatmik Safar: Pramukh Swamiji Ke Saath Mera Adhyatmik Safar.
- My Journey : Transforming Dreams into Actions.
- Turning Points: A Journey Through Challenges.
एपीजे अब्दुल कलाम के मोटीवेशनल विचार
1. सपने वो नहीं जो आप सोते समय देखते हैं, बल्कि सपने वो हैं जो आपको सोने नहीं देते।
Dream is not that which you see while sleeping it is something that does not let you sleep.
2. आपके सपने सच होने से पहले आपको सपने देखने होंगे।
You have to dream before your dreams can come true.
3. आसमान की ओर देखो हम अकेले नहीं हैं, जो लोग सपने देखते हैं और कठिन मेहनत करते हैं, पूरा ब्रह्माण्ड उनके साथ है।
Look at the sky. We are not alone. The whole universe is friendly to us and conspires only to give the best to those who dream and work.
4. अगर कोई देश भ्रष्टाचार से मुक्त हो और सारे लोग अच्छी शुद्ध मानसिकता वाले हों, मैं दावे से कह सकता हूँ, की केवल 3 लोग ही ऐसे देश का निर्माण कर सकते हैं,वो हे- माता, पिता और गुरु।

If a country is to be corruption free and become a nation of beautiful minds, I strongly feel there are three key social members who can make a difference. They are the father, the mother and the teacher.
5. महान सपने देखने वाले महान लोगों के सपने हमेशा पूरे होते हैं।
Great dreams of great dreamers are always transcended.
6. युवाओं को मेरा सन्देश है कि अलग तरीके से सोचें, कुछ नया करने का प्रयत्न करें, अपना रास्ता खुद बनायें, असंभव को हासिल करें।
It is my message to the youth that think differently, try to do something new, make your own path yourself, achieve the impossible
Dr Abdul Kalam Awards (उपलब्धियां एवं पुरस्कार)
डॉ एपीजे अब्दुल कलाम ने कई पुरस्कार और उपलब्धियों को अपने आदर्श व्यक्तित्व एवं सादे विचारों के बलबूते पर पाया है। Dr Abdul Kalam Awards List / सूची नीचे उपलब्ध है:
सम्मान का वर्ष | पुरस्कार का नाम | पुरस्कार को देने वाली संस्था |
2014 | डॉक्टर ऑफ साइंस | एडिनबर्ग विश्वविद्यालय, यूनाइटेड किंगडम |
2012 | डॉक्टर ऑफ लॉज मानद उपाधि | साइमन फ्रेजर विश्वविद्यालय |
2010 | डॉक्टर ऑफ इंजीनियरिंग | यूनिवर्सिटी ऑफ वाटरलू |
2009 | मानद डॉक्टरेट | ऑकलैंड विश्वविद्यालय |
2009 | हूवर मेडल | एमएसएमई फाउंडेशन |
2009 | वोन कॉम विंग्स अंतरराष्ट्रीय अवार्ड | केलिर्फोनिया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी |
2008 | डॉक्टर ऑफ इंजीनियरिंग | नानयांग टेक्नोलॉजिकल विश्वविद्यालय, सिंगापुर |
2008 | डॉक्टर ऑफ साइंस | अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी, अलीगढ़ |
2000 | रामानुजन पुरस्कार | अल्वारेज शोध संस्थान, चेन्नई |
1998 | वीर सावरकर पुरस्कार | भारत सरकार |
1997 | इंदिरा गांधी राष्ट्रीय एकता पुरस्कार | भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस |
1997 | भारत रत्न | भारत सरकार |
1990 | पद्म विभूषण | भारत सरकार |
1981 | पद्म भूषण | भारत सरकार |
भारत का मिसाइल मैन किसे कहाँ जाता हैं?
डॉ एपीजे अब्दुल कलाम को उनके परमाणु और मिसाइल क्षेत्र में योगदान के कारण इनको मिसाइल मैन के नाम से जाना जाता है।
डॉ अब्दुल कलाम भारत के राष्ट्रपति कब बने?
25 जुलाई 2002 को अपने प्रतिद्वंदी लक्ष्मी सहगल को हरा कर 11वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली।
डॉ अब्दुल कलाम का निधन कब हुआ था?
डॉ एपीजे अब्दुल कलाम जी का निधन 27 जुलाई 2015 को शाम के समय कार्डियक अटैक के कारण हुआ था।
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