शिवसेना में बगावत करके महाराष्ट्र के सीएम बनने वाले एकनाथ शिंदे (Biography of eknath shinde in hindi) सियासत के एक नये सूरमा बनकर उभरे है। आज पूरे देश में शिवसेना के इस बागी नेता की बाते हो रही है। एकनाथ शिंदे आज भले ही महाराष्ट्र के सीएम बन गये हो लेकिन एक वक्त ऐसा भी था जब वो महाराष्ट्र में ही आटो चलाकर अपना गुजारा किया करते है। आज इस लेख में हम आपको एकनाथ शिन्दे के बारे में विस्तार से बताने वाले है।

Who is Eknath Shinde
महाराष्ट्र के नये सीएम एकनाथ शिंंदे महाराष्ट्र के सतारा जिले के है। एक बेहद ही आम परिवार में पैदा होने वाले एकनाथ शिंदे का जन्म 9 फरवरी 1964 को सतारा जिले में हुआ था। एकनाथ शिंदे का परिवार बेहद गरीब था और उनके पिता बहुत मुश्किल से अपने परिवार का गुजारा चला पाते थे। एकनाथ शिंदे गरीब के चलते ज्यादा नही पढ़ रहे। उन्होने सिर्फ 11वीं तक की पढ़ाई की है। उन्होने अपने 11वीं तक की पढाई मंगला हाई स्कूल से की। अपने परिवार की जरूरतो के चलते उन्हे अपनी पढ़ाई को बीच में छोड़कर ठाणे के बागले एस्टेट इलाके में आटो रिक्शा भी चलाना पड़ा था।
आटो रिक्शा चलाने के दौरान ही बाला साहेब ठाकरे के विचारो से प्रभावित होकर शिवसेना के कार्यकर्ता बन गये थे। एक कार्यकर्ता के दौर उन्होने शिवसेना के लिए काफी अच्छा काम किया जिसकी वजह से वो बहुत शिवसेना के बड़े नेताओ की नजरो मे आ गये। उस दौर में ठाणे में शिवसेना के नेता आंनद दीघे का नाम पार्टी के बडे नेताओ में शामिल था। ठाणे के इलाके पर आंनद दीघे की मजबूत पकड़ हुआ करती थी।
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आंनद दीघे की उंंगली पकड़कर आगे बढ़े एकनाथ शिन्दे
एकनाथ शिंदे (Biography of eknath shinde in hindi) को शिवसेना में आने के बाद बहुत जल्द ये मालुम चल गया था कि अगर उन्हे राजनीति में आगे बढना है। तो आंनद दीघे का करीबी बनना पड़ेगा। आंनद दीघे भी एकनाथ शिंदे के काम से काफी ज्यादा प्रभावित थे। इसी के चलते एकनाथ शिंंदे बहुत जल्द आनंद दीघे के सबसे गरीबी लोगो में आगे बढ़े। आंनद दीघे ने एकनाथ शिंदे की राजनीति के क्षेत्र में काफी मदद की। इस तरह एकनाथ शिंदे एकनाथ दीघे की उंगली पकड़कर लगातार राजनीति की सीढिया चढ़ते रहे।
Biography of eknath shinde in hindi
एकनाथ शिंदे (Biography of eknath shinde in hindi) ने अपना पहला चुनाव 1997 में लड़ा। 1997 में वो पहली बार नगर निगम पार्षद चुने गये। इसके बाद 2001 में वो नगर निगम सदन में विपक्ष के नेता चुने गये। इसके बाद एकनाथ शिंदे ने कभी पीछे मुड़कर नही देखा। 2002 में वो दूसरी बार नगर निगम पार्षद चुने गये। इसके दो साल बाद वो यानि कि 2004 में वो शिवसेना के टिकट पर ठाणे के कोपारी पछपाखड़ी इलाके से विधानसभा का चुनाव जीतने में सफल रहे। इस तरह एकनाथ शिंदे नगर निगम पार्षद से होते हुए महाराष्ट्र की विधानसभा के सदन में पहुंच गये। फिर वो लगातार 2009, 2014, 2019 तक लगातार इसी इलाके से विधायक का चुनाव जीतते रहे।
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2002 में एकनाथ शिंदे के गुरू आनंद दीघे की मृत्यू हो गई। जिसके बाद ठाणे के इलाके में शिवसेना को एक ऐसे नेता की जरूरत पड़ी जिसकी इस इलाके में अच्छी खासी पकड़ हो। एकनाथ शिंंदे (Biography of eknath shinde in hindi) के तौर पर उन्हे वो नेता मिल गया। एकनाथ शिंंदे ने ठाणे में आनंत दीघे की विरासत को बखूबी सभांला। आनंंद दीघे की मृत्यू के कुछ दिन के बाद ही एकनाथ शिंदे ठाणे इलाके के सबसे मजबूत नेता बन गये।
एकनाथ शिंदे ने अपने बेटे श्रीकांत शिंदे को भी शिवसेना के टिकट पर लोकसभा का चुनाव लड़ाया। उनका बेटा श्री कांत शिंदे भी कल्याण लोकसभा सीट से सांसद है। महाराष्ट्र की सियासत में एकनाथ शिंदे की पकड़ लगातार बढती गई। 2014 के बाद बनी शिवसेना और बीजेपी के गठबन्धन की सरकार में वो नगर विकास मंत्री रहे। 2019 के बाद बनी उद्धव ठाकरे की महाविकास अघाडी की सरकार में उनके पास नगर विकास मंत्रालय के अलावा के अलावा सार्वजनिक स्वास्थ्य, परिवार कल्याण का मत्रांलय भी रहा।
Biography of eknath shinde in hindi : एकनाथ शिंदे का व्यक्तिगत जीवन
एकनाथ शिंदे हमेशा से एक बेहद शांत स्वभाव के नेता रहे है। उनके पिता का नाम संभाजी नवलू शिंदे और पत्नी का नाम लता एकनाथ शिंंदे है। अपने व्यक्तिगत जीवन में उन्हे सबसे बड़ा सदमा तब लगा था जब उनके आंखो के सामने उनका बेटा दीपेश और बेटी शुभषा एक नाव हादते के दौरान पानी में डूबकर मर गये थे। ये बात 2001 की है। इस हादसे के उन्होने उन्होने अपने सार्वजनिक जीवन से सन्यास लेने के बारे में सोच लिया था। लेकिन अपने गुरू आनंद दीघे के कहने पर दोबारा राजनीति में आ गये1
एकनाथ दीघे के ऊपर 18 से अपराधिक मामले भी है। उनकी सम्पत्ति 11 करोड़ा से भी ज्यादा बताई जाती है। एकनाथ शिंदे (Biography of eknath shinde in hindi) के भाई प्रकाश शिंदे भी पार्षद है। फिलहाल एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र के नये सीएम है। उन्होने अपने बागी विधायको से साथ मिलकर महाराष्ट्र में अपनी सरकार बना ली है।

इशात जैदी एक लेखक है। इन्होने पत्रकारिता की पढाई की है। इशात जैदी पिछले कई सालों से पत्रकारिता कर रहे है। पत्रकारिता के अलावा इनकी साहित्य में भी गहरी रूचि है।