Didi Nirdesh Singh motivational story- निर्देश दीदी, जिनके साये में हजारों आंखे सपने देख रही हैं

Didi Nirdesh Singh motivational story

जब भी कभी महिलाओं को शिक्षित करने की बात आती है तो सावित्रीबाई फुले का नाम अपने आप ही जहन में आने लगताहै। समाज में महिलाओं को कैसे आगे बढ़ाया जाये, इसको लेकर उन्‍होने एक आर्दश रूपरेखा तैयार की थी। सावित्री बाई ने महिलाओं की शिक्षा पर काफी ज्‍यादा जोर दिया था। समय बीता, समाज के जीना का तरीका बदला। लोगो के रहने से लेकर काम करने के तरीकों में बदलाव आया लेकिन सावित्री बाई ने अपने विचारों के जरीये महिलाओं के अन्‍दर जो क्रान्ति की मशाल जलाई थी  उसकी रौशनी आज भी उनकी  अधेंरी जिन्‍दगी को रौशन कर रही है।

आज हम आपको एक ऐसी महिला से मिलवाने जा रहे है जो सावित्री बाई फुले की क्रान्ति की मशाल को कसकर पकड़े हुए है।  जिन्‍होने हजारों छोटी आखों के बड़े सपनों को सच करने का जिम्‍मा अपने कंधों पर उठा रखा है। जो महिला सशक्तिकरण की जीती जागती मिसाल है।

हम बात कर रहे है मुरादाबाद की निर्देश दीदी (Didi Nirdesh Singh motivational story)। सावित्रीबाई फुले को अपना आर्दश मानने वाली निर्देश दीदी ने उनकी ही राह पर चलते हुए गरीब और दमित परिवारों के बच्‍चों को मुफ्त शिक्षा देने की जिम्‍मेदारी अपने कंधों पर उठा रखी है।

एक आम परिवार से ताल्‍लुक रखने वाली निर्देश दीदी (Didi Nirdesh Singh motivational story)। मूल तौर पर मुरादाबाद की रहने वाली है। वो पिछले नौ सालों से दलित और वचिंत वर्ग की महिलाओं को सशक्‍त करने में लगी हुई है। महिलाओं की दिशा और दशा को सुधारने के इस सफर में उन्‍ही कई तरह की कठिनाईयों का भी सामना करना पड़ता है

इतिहास गवाह है कि जब भी कोई महिला मुखर होकर अपनी आवाज बुलन्‍द करती है तो उसे कई तरह के राजनीतिक और वैचारिक विरोध का सामना करना पड़ता है। निर्देश दीदी को भी कई तरह के विरोधों का सामना करना पड़ता है। उनके खिलाफ एफआईआर तक हो चुकी है। अपने काम में कई तरह की अड़चनों को सहन करने के बाद भी वो आज समाज की भलाई करने के लिए लगातार तत्‍पर है।

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