hijab kya hai | हिजाब का मामला क्‍या है

hijab kya hai, आजकल हिजाब को लेकर देश भर में काफी बहस हो रही है। लडकियो के हिजाब को लेकर ये बहस तब शुरू हुई जब कर्नाटक के एक स्‍कूल में हिजाब पहनकर आने वाली लड़कियों पर प्रतिबन्‍ध लगा दिया गया। कर्नाटक जिस स्‍कूल से हिजाब (hijab controversy) का मसला उठा। उस स्‍कूल का नाम उडुपी महाविधालय है। हिजाब का ये मामला क्‍या है और एक छोटे से सरकारी स्‍कूल से शुरू हुई हिजाब की ये बहस नेशनल लेवल तक पहुंच गई। आज इस लेख में हम आपको इस पूरे मामले के बारे में विस्‍तार से बताने वाले है। तो अगर आपको भी जानना है कि हिजाब विवाद क्‍या है। तो इस लेख को पूरा जरूर पढ़े। Rubika liyaquat success story | रुबिका लियाकत की कहानी

hijab kya hai : हिजाब का मामला क्‍या है

hijab kya hai

आज देश में हिजाब (hijab kya hai) को लेकर अजीबो गरीब बहस छिड़ी हुई है। दोस्‍तो इस बहस की शुरूआत कर्नाटक के कुंडापुरा कालेज से शुरू हुई। कर्नाटक के इस कॉलेज में 6 लड़कियां पिछले साल दिसंबर में हिजाब पहनकर पहंची। कॉलेज प्रशासन ने तब इन लड़कियों को हिजाब ना पहनकर सिर्फक‍ कॉलेज यूनिफार्म में स्‍कूल आने की सलाह दी। जब इन लड़कियों को कॉलेज प्रशासन की बात नही मानी तो 5 फरवरी को कर्नाटक के प्री यूनिवर्सिर्टी कॉलेजो के लिए ये आदेश आ गया कि हिजाब या भगवा शाल पहनकर कोई छात्रा कॉलेज के अन्‍दर नही आ सकती है।

Deep sidhu story | दीप सिन्‍धु कौन हैं

इस आदेश के आने के बाद कर्नाटक के तमाम स्‍कूलो की मुस्लिम छात्राओं ने कॉलेज के बाहर विरोध प्रर्दशन करने शुरू कर दिये। धीरे धीरे लडकियों का ये विरोध प्रर्दशन कर्नाटक के अन्‍य हिस्‍सो में भी पहुंच गया। कर्नाटक के कई स्‍कूलो के बाहर हिजाब के सपोर्ट में विरोध प्रर्दशन होने लगे। इन्‍ही सब विरोध प्रर्दशन के चलते ये मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुच गया। फिलहाल इस वक्‍त ये मामला सुर्प्रीम कोर्ट में है और इस वक्‍त कोर्ट में इस मामले की सुनवाई चल रही है।

hijab kya hai

हिजाब को लेकर छिड़ी बहस अब कर्नाटक से निकलकर पूरे देश में फैल गई है। लेकिन क्‍या आप जानते हो कि हिजाब किसे कहते है। दोस्‍तो हिजाब का हिन्‍दी में मतलब होता है परदा या आड़। ऐसा माना जाता है कि हिजाब की शुरूआत महिलाओ की जरूरतो के हिसाब से हुई थी। शुरूआत में महिलाये हिजाब को तेज धूप, धूल और बारिश से सिर को बचाने के लिए लिनेन के कपड़े के तौर पर प्रयोग किया करती थी। तब धूप से बचने के लिए महिलाये इसे अपने सर पर बाधा करती थी। हिजाब जैसे कपड़े का जिक्र 13वीं शताब्‍दी में लिखे गये प्राचीन एसिरियन लेख भी मिलता है। हिजाब को धर्म से काफी बाद मे जोड़ा गया। इस्‍लाम धर्म के आने के बाद इस महिलाये, बच्चियों और विधवाओ के लिए अनिवार्य कर दिया। बाद में इसे धर्म के सम्‍मान के प्रतीक के तौर पर देखा जाने लगा।

हिजाब को लेकर हिन्‍दुस्‍तान का कानून क्‍या कहता है

हिजाब के मजहबी एंकल पर तो दुनिया भर में चर्चा होती है लेकिन क्‍या आपको मालुम है कि हिजाब को लेकर भारत का कानून क्‍या कहता है। वेल दोस्‍तो आपको बता दे कि भारतीय संविधान (Constitution Of India) के अनुच्छेद-25 के अनुसार, देश के हर नागरिक को अपनी धार्मिक आस्था के अनुरूप आचरण करने की स्वतंत्रता है. अनुच्छेद-21 के मुताबिक, सभी नागरिकों को अपने हिसाब से जीवन जीने की आजादी और निजता का अधिकार है. बस, वे कानून के दायरों से बाहर न जाते हों. अनुच्छेद-14 के अनुसार, राज्य (शासन व्यवस्था) के लिए सभी नागरिक कानून की नजर में समान होना चाहिए. उन्हें भारत की सीमाओं के भीतर सुरक्षा और संरक्षा देने से इंकार नहीं किया जा सकता. अनुच्छेद- 15 के मुताबिक, राज्य किसी भी नागरिक से धर्म, नस्ल, जाति, लिंग, जन्म स्थान आदि के आधार पर भेद नहीं करेगा.

रर्काहिजाब कुछ मुस्लिम देशों में तक प्रतिबंधित है

दुनिया के करीब 16 देशों ने बुर्का (Burqa) और हिजाब (Hijab) पर प्रतिबंध लगाया हुआ है. इनमें चीन, फ्रांस, श्रीलंका, डेनमार्क, स्विट्जरलैंड, नीदलैंड, ऑस्ट्रिया, बेल्जियम आदि प्रमुख हैं. कट्‌टरपंथी शासन वाले ईरान और अफगानिस्तान जैसे देशों को छोड़ दें तो सऊदी अरब में भी बुर्का और हिजाब पहनना महिलाओं के लिए अनिवार्य नहीं है. ताजिकिस्तान में भी इस पर पूर्ण प्रतिबंध है. अल्जीरिया जैसे मुस्लिम देश ने भी सरकारी नौकरी करने वाली महिलाओं के बुर्का-हिजाब पहनकर दफ्तरों में आने को प्रतिबंधित किया है. इसके लिए कानून पारित किया गया है हिजाब को लेकर हिन्‍दुस्‍तान की विभिन्‍न अदालतो में कई बार बहस हो चुकी है। हिजाब का मामला 2015 में कर्नाटक हाइकोर्ट पहुंचा था। तब हाईकोर्ट ने आल इडिया प्री मे‍डिकल टेस्‍ट के की परिक्षा में लड़कियों को पूरी बाहो की कमीज और हिजाब पहनने की अनुमति दे दी थी।

लेकिन हाइकोर्ट के इस फैसले पर कुछ ही दिनो के बाद सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी थी। तब अदालत ने कहा था कि कोई अगर एक दिन विशेष में हिजाब ने पहने तो उसकी आस्‍था भंग नही हो जायेगी। वैसे भारतीय कानून के अनुसार भारतीय संविधान (Constitution Of India) के अनुच्छेद-25 के अनुसार, देश के हर नागरिक को अपनी धार्मिक आस्था के अनुरूप आचरण करने की स्वतंत्रता है. अनुच्छेद-21 के मुताबिक, सभी नागरिकों को अपने हिसाब से जीवन जीने की आजादी और निजता का अधिकार है. बस, वे कानून के दायरों से बाहर न जाते हों. अनुच्छेद-14 के अनुसार, राज्य (शासन व्यवस्था) के लिए सभी नागरिक कानून की नजर में समान होना चाहिए. उन्हें भारत की सीमाओं के भीतर सुरक्षा और संरक्षा देने से इंकार नहीं किया जा सकता. अनुच्छेद- 15 के मुताबिक, राज्य किसी भी नागरिक से धर्म, नस्ल, जाति, लिंग, जन्म स्थान आदि के आधार पर भेद नहीं करेगा।

हिजाब कुछ मुस्लिम देशो में भी प्रतिबन्धित है

ab दुनिया के करीब 16 देशों ने बुर्का (Burqa) और हिजाब (Hijab) पर प्रतिबंध लगाया हुआ है. इनमें चीन, फ्रांस, श्रीलंका, डेनमार्क, स्विट्जरलैंड, नीदलैंड, ऑस्ट्रिया, बेल्जियम आदि प्रमुख हैं. कट्‌टरपंथी शासन वाले ईरान और अफगानिस्तान जैसे देशों को छोड़ दें तो सऊदी अरब में भी बुर्का और हिजाब पहनना महिलाओं के लिए अनिवार्य नहीं है. ताजिकिस्तान में भी इस पर पूर्ण प्रतिबंध है. अल्जीरिया जैसे मुस्लिम देश ने भी सरकारी नौकरी करने वाली महिलाओं के बुर्का-हिजाब पहनकर दफ्तरों में आने को प्रतिबंधित किया है. इसके लिए कानून पारित किया गया है

Share and Enjoy !

Shares

Leave a Reply