Hindutva kya hai, हम इस लेख में आपको हिन्दुत्व के बारे में विस्तार से बताने वाले है।
लेकिन हिदुत्व के बारे में जानने से पहले आपको ये समझना बहुत ज्यादा जरूरी है कि हिदुत्व क्या है। क्या ये एक धर्म है, या फिर कोई पुरानी सभ्यता। क्या इस धर्म का सम्बन्ध पूजा करने की किसी खास पद्धति से है या ये सिर्फ एक जीवन शैली है। इन्ही सब सवालो का जवाब जानने के लिए हमे सबसे पहले ये जानना और समझना पड़ेगा कि हिन्दु धर्म क्या है। तो चलिये दोस्तो इस लेख में हम सबसे पहले ये जानने की कोशिश करते है कि हिन्दू धर्म और इसका इतिहास है।
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हिन्दू धर्म और उसका इतिहास
हिन्दू धर्म दुनिया के सबसे पुराने धर्मो में से एक है। सबसे पुराना होने की वजह से लोग इसे सनातन धर्म (Hindutva kya hai) के नाम से भी जानते है। इस धर्म की उत्पत्ति कब और कहा हुई। इस बात को लेकर कोई स्पष्ट प्रमाण नही है। लेकिन ऐसी मान्यता है कि इस धर्म की स्थान तकरीबन 2000 ई. पू. से पहले की है। वैसे तो हिन्दु धर्म की कोई एक धार्मिक पुस्तक नही है लेकिन वेदों को इस धर्म का मूल ग्रन्थ माना जाता है। जिस काल में वेदो की रचना हुई उन्हे वैदिक काल कहा जाता है। हिन्दू धर्म के मूल में चार वेद है। इन वेदो के नाम ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद, अथर्ववेद है। वेदो के अलावा उपनिषद और पुराणो को भी हिन्दू धर्म (Hindutva kya hai) की धार्मिक किताबे कहा जाता है। हिन्दू धर्म में वैदो तो कई देवो की पूजा अलग अलग रूपो में की जाती है लेकिन इस भगवान को प्रतीकात्मक रूप से तीन देवताओ के रूप में पूजा जाता है। इन तीन देवताओ के नाम ब्रह्मा, विष्ण और शिव है।

ब्रह्मा को इस दुनिया रचियता कहा जाता है। वही विष्णु भगवान के ऊपर इस दुनिया को चलाने की जिम्मेदारी है। वही शिव हिन्दू धर्म में एक ऐसे भगवान के रूप में पूजे जाते है तो सब कुछ नष्ट कर सकते है। हिन्दू धर्म में भले ही देवी देवताओ को पूजा जाता है । लेकिन वास्तव ये धर्म अनेक मत, उपासना पद्धतियो, सम्प्रदाय और दर्शन को अपने अन्दर समेटे हुए है। हिन्दू धर्म के मानने वाले कुछ लोगो का ये भी मानना है कि ये कोई एक धर्म नही बल्कि जीवन जीने का एक तरीका है।
हिन्दू धर्म की सबसे ज्यादा खास बात ये रही है कि ये धर्म अनेकता में एकता को स्वीकार करता है। इस धर्म में किसी एक देवी या देवता को या किसी एक उपासना पद्धति या किसी एक किताब को धर्म का आधार नही बनाया गया है। हिन्दू धर्म की ये बात इस धर्म को बाकी धर्मो बडा, विशाल और बहुत ज्यादा उदार बना देती है। इस धर्म में अहिसां को सवोपर्रि बताया गया है। जीव मात्र की इज्जत करना, प्रगति के साथ खुद एकरूप करना और योगिक क्रियाओ के जरिये अपनी आत्मा को परमात्मा से कनेक्ट करना ही इस धर्म के मूल उद्देश्यो में से एक है। यही इस घर्म का छोटा सा सार भी है।
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Hindutva kya hai | हिंदुत्व का इतिहास क्या है
इस लेख को यहा तक पढने के बाद आपको हिन्दु धर्म को लेकर एक आईडिया लग गया होगा कि हिन्दु धर्म क्या है। हिन्दु धर्म क्या है। ये समझने के बाद अब समझते है कि हिदुत्व क्या है। हिन्दू धर्म को ठीक से नही जानने वाले लोगो को लगता है कि हिन्दू धर्म और हिन्दुत्व दोनो एक ही चीज है। लेकिन ऐसा नही है। हिन्दुत्व और हिन्दू धर्म में जमीन आसमान का अन्तर है। हिन्दू धर्म का इतिहास जहा लाखो करोडो साल पुराना है। वही हिदुत्व आज कुछ सालो पहले ही 1892 में वजूद में आया है। इस शब्द को 1923 में एक राष्ट्रवादी क्रांन्तिकारी विनायक दामोदर सावरकर ने लोकप्रिय बनाया था। हिन्दू महासभा नाम के एक हिन्दुवादी सगंठन के जनक वीर सावरकर को ही हिन्दुत्व की विचारधारा का जनक कहा जाता है। उन्होने तब हिन्दुत्व को परिभाषित करते हुए कहा था हिन्दू वो है जिसकी पितृभूमि और पुण्यभूमि दोनो हिन्दुस्तान मे हैं। अगर किसी पितृभुमि सिंंधु यानि हिन्दुस्तान में है और पूण्य भूमि कही और है तो उन्हे ये साबित करना पड़ेगा कि ये दोनो में किसे चुनेंगे। अगर वो पितृभूमि को चुनते है तो हिंदू राष्ट्र मे है और अगर वो पूण्यभूमि को चुनते है तो वो फिर हिन्दू नही है।
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हिन्दु और हिदुत्व में फर्क क्या है
हिन्दू धर्म और हिदुत्व में क्या अन्तर है। इस लेख को यहा तक पढने के बाद आपको ये बात थोडी बहुत समझ आ गई होगी। हिन्दु धर्म एक प्रकार का सनातन धर्म है जो हजारो सालो से भारत में चला आ रहा है। इस धर्म की सबसे खास बात ये है कि अनेकता में एकता पर बल देता। वही हिदुत्व की बात करे तो ये विचार काफी नया है और सकीर्णता से भरा हुआ लगता है। हिदुत्व केवल उन लोगो को हिन्दू मानता है जो अपनी पितृभूमि और मातृभमि हिन्दुस्तान को मानते है। ये विचार अपने आपमे हिन्दु धर्म को सकीर्णता से भर देता है।

इशात जैदी एक लेखक है। इन्होने पत्रकारिता की पढाई की है। इशात जैदी पिछले कई सालों से पत्रकारिता कर रहे है। पत्रकारिता के अलावा इनकी साहित्य में भी गहरी रूचि है।