Jagdeep Dhankhar biography in hindi | उपराष्‍ट्रपति बनने वाले धनखड़ कौन है

Jagdeep dhankhar biography in hindi (जन्‍म, गॉव, परिवार, माता-पिता, पत्‍नी, बच्‍चे,गोत्र, पढ़ाई, सघर्ष, कैरियर, राजनिति, पद, उपराष्‍ट्रपति)

भारतीय जनता पार्टी के अध्‍यक्ष जेपी नड्डा ( J. P. Nadda) ने 16 जुलाई को एनडीए (NDA) के उपराष्‍ट्रपति के उम्‍मीदवार के तौर पर बंगाल के वर्तमान गर्वनर जगदीप धनखड़ ( Jagdeep Dhankhar) के नाम का ऐलान कर दिया है। वो 6 अगस्‍त 2022 को भारत के नये उपराष्‍ट्रपति बन चके है। जगदीप धनखड़ National Democratic Alliance (NDA) की तरफ से राष्‍ट्रपति पद के उम्‍मीदवार थे जो अब भारत के नये उपराष्‍ट्रपति पद हो गये है। देश में उपराष्‍ट्रपति पद के लिए चुनाव 6 अगस्‍त को हुआ जिसमे उन्‍होने आसानी से विजस प्राप्‍त कर ली। ऐसे में अब लोगो की दिलचस्‍बी जगदीप धनखड़ (nda vp candidate jaydeep dhankhar) को लेकर काफी ज्‍यादा बढ़ गई है। अगर आप भी जयदीप धनखड़ के बारे में विस्‍तार से जानना चाहते है तो ये लेख खास आपके लिए है। इस लेख में हम आपको जयदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) के बारें में विस्‍तार से बताने वाले हैं।

Jagdeep Dhankhar

Jagdeep Dhankhar biography in hindi : शुरूआती जीवन

बीजेपी और उसके सहयोगी दलो की तरफ से उपराष्‍ट्रपति जगदीप धनखड़ का जन्‍म 18 मई 1951 को राजस्‍थान के शहर झुंझुनू की तहसील चिड़ावा (Chirawa) के गांव किठाना में हुआ। किठाना को जाट लैंड भी कहा जाता है। जगदीप धनखड़ भी एक जाट परिवार में पैदा हुए। उनके पिता का नाम चौधरी गोकुल चन्‍द धनखड़ और मां का नाम केसरी देवी है। जगदीप धनखड़ के दो भाई और एक बहन है। उनके बड़े भाई का नाम कुलदीप धनखड़ और छोटे भाई का नाम रणदीप धनखड़ है। जगदीप धनखड़ की बहन का नाम इंद्र है। उनका परिवार जाट कई पीढियों से खेती किसानी से जुड़ा रहा है।

जगदीप धनखड़ को (Jagdeep Dhankhar profile) बचपन से ही किताबे पढ़ने का शौक रहा है। एक बेहद ही साधारण परिवार से होने के बावजूद भी उन्‍होने अपनी जिन्‍दगी के शुरूआती दिनों से ही बड़े सपने देखना शुरू कर दिया था। पढ़ाई के अलावा वो खेल में भी काफी आगे रहा करते थे।

Jagdeep Dhankhar with pm modi

बचपन से ही पढ़ने लिखने के शौकीन जगदीप धनखड़ ने अपने छात्र जीवन की शुरूआत अपने गॉव किठाना के ही एक सरकारी माध्‍यमिक विधालय से की। इस सरकारी स्‍कूल में संसाधनो का काफी अभाव होने के बाद भी उन्‍होने जमकर पढ़ाई। अपने गांव के सरकारी स्‍कूल में 5वीं तक की पढ़ाई कर लेने के बाद उन्‍हे गरदाना के सरकारी मिडिल स्‍कूल में दाखिला लेना पड़ा क्‍यो‍कि उनके गांव में 5 वीं कक्षा से ऊपर कोई स्‍कूल था ही नही। गरदाना के मिडिल स्‍कूल में कुछ सालो तक पढ़ने के बाद उनका और उनके छोटे भाई का मेरिट के आधार पर चित्तौड़गढ़ के सैनिक स्‍कूल में एडमीशन हो गया। चित्तौड़गढ़ के सैनिक स्‍कूल से 12 पास करने के बाद जगदीप धनखड़ राजस्‍थान के ही महाराजा कॉलेज से भौतिकी में स्‍नातक की। अपनी स्‍नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्‍होने राजस्‍थान यूनिवसिर्टी से कानून की पढ़ाई की। अपनी कानून की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्‍होने एक वकील के तौर पर अपने कैरियर की शुरूआत की।

एक बेहद आम किसान परिवार से निकलकर एक वकील बन जाने के इस सफर में उन्‍होने काफी मेहनत की। अपने पढ़ाई के शुरूआती दिनो में उन्‍होने रोजाना 5 किलोमीटर पैदल चलकर स्‍कूल जाना पड़ता था। जगदीप धनखड़ पढ़ने लिखने के मामले में इतने ज्‍यादा अच्‍छे थे कि उनका सिलेक्‍शन आईआईटी, एनडीए और आईएएस तक में हो गया था। लेकिन उनका सपना वकील बनने का था इसलिए वो ना तो इंजीनियर बने और ना आर्मी में गये और ना ही आईएएस आफीसर बनना उन्‍होने ठीक समझा।

Jagdeep Dhankhar biography in hindi

वकील के रूप में की कैरियर की शुरूआत

जयपुर के एक छोटे से गांव किठाना ने अपने जीवन की शुरूआत करने वाले जगदीप धनखड़ 1978-79 में राजस्‍थान विश्‍वविधालय से कानून की पढ़ाई पूरी करने के बाद वकील बन गये। उन्‍होने वकील के तौर पर अपने कैरियर की शुरूआत राजस्थान के बार काउंसिल में वकील के तौर पर की। एक वकील के तौर पर उन्‍होने किसानो और गरीब लोगो को न्‍याय दिलाने के लिए काफी केस लड़े। वो कानून के काफी अच्‍छे जानकार थे इसलिए उनकी गिनती बहुत जल्‍द भारत के अच्‍छे वकीलो में होने लगी। बाद में वो राजस्‍थान उच्‍च न्‍यायालय बार एसोसिएशन के अध्‍यक्ष भी बनाये गये।

एक वकील के तौर पर लगातार बुलंदी की सीढियों को चढ़ते हुए उन्‍होने हाई कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक का सफर तय किया। जगदीप धनखड़ मात्र 35 साल की उम्र में राजस्‍थान बार एसोसिएशन के अध्‍यक्ष बन गये थे जो कि अपने आप में एक रिकार्ड है। वो सबसे कम उम्र में राजस्‍थान बार एसोसिएशन के अध्‍यक्ष बनने वाले वकील बन चुके है। जयदीप धनखड़ को 1990 में सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ अधिवक्ता का दर्जा भी मिला। इसी वर्ष वह केंद्र में मंत्री भी बने थे। वो इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ ऑबिट्रेशन के सदस्‍य भी रह चुके है।

1989 में लोकसभा सांसद बने जगदीप धनखड़

एक वकील के तौर पर सफल होने के बाद जयदीप धनखड़ एक सोशल ए‍क्टिविस्‍ट के तौर पर काम करने लगे। उन्‍होने जाटो के आरक्षण को लेकर कई आंदोलन किये। एक सोशल एक्टिविस्‍ट के तौर पर ख्‍याति प्राप्‍त करने के बाद वो पालिटिक्‍स की दुनिया में आ गये। उन्‍होने अपने पॉलिटिकल कैरियर की शुरूआत जनता पार्टी से की। 1989 में जनता पार्टी के टिकट पर वो अपने क्षेत्र झुंझुनू से लोकसभा चुनाव भी लड़े। उन्‍होने अपने पहले ही लोकसभा चुनाव में बड़ी सफलता मिली। ये चुनाव वो भारी अंतर से जीते। इस चुनाव को जीतने के बाद वो पहली बार लोकसभा पहुंचे। ये आजाद भारत का 9th लोकसभा चुनाव था जब वीपी सिंह की सरकार बनी थी।

1989 का लोकसभा चुनाव जीतने के बाद वो तकरीबन 2 साल तक लोकसभा के सदस्‍य रहे। 1990 में उन्‍हे संसदीय कार्य राजमंत्री भी बनाया गया। इस दौरान उन्‍होने 1989 में वीपी सिंह और 1991 में चंद्रशेखर की सरकार के साथ काम किया। लेकिन तब गठबन्‍धन की सरकारो का दौर था और ये सरकारे ज्‍यादा दिनो तक टिक नही पाती थी। इन सरकारो में केंद्रीय मंत्री बनने के बाद जब ये सरकार गिर गई। तो 1991 में दोबारा लोकसभा चुनाव हुए।

इन लोकसभा चुनावो में जनता दल ने उनकी टिकट काट दिया जिसक वजह से उन्‍होने ये पार्टी छोड़ दी। जनता दल को छोड़ने के बाद वो कॉग्रेस पार्टी में शामिल हो गये। कॉग्रेस पाट्री में शामिल होने के बाद 1991 में ही उन्‍होने कॉग्रेस के टिक पर राजस्‍थान के अजमेर से लोकसभा का चुनाव लड़ा लेकिन इन चुनावो में उन्‍हे हार का सामना करना पड़ा। तब उन्‍हे भारतीय जनता पार्टी के रासासिंह रावत ने हरा दिया। लेकिन इस हार के दो साल बाद ही उन्‍होने अजमेर के किशनगढ़ से विधानसभा का चुनाव लड़ा। इस चुनाव में उन्‍हे जबरदस्‍त जीत मिली। वो 1993 से लेकर 1998 तक किशनगढ़ के विधायक रहे। जगदीप धनखड़ कॉग्रेस पार्टी के टिकट पर 1996 में झुंंझुनुंं से लोकसभा चुनाव भी लड़ चुके है लेकिन इस चुनाव में वो तीसरे नम्‍बर पर रहे थे।

जब बीजेपी में शामिल हुए जगदीप धनखड़

5 सालो तक कॉगेस पार्टी के विधायक के तौर पर पार्टी के आलाकमान सिस्‍टम की वजह से उनका इस पार्टी से मोहभग हो गया। उन्‍होने कॉग्रेस पार्टी छोड़कर 2003 में भारतीय जनता पार्टी ज्‍वाइन कर ली। वो राजस्‍थान की पुर्व मुख्‍यमंत्री वसुन्‍धरा राजे के खास लोगो में से एक रहे है। काफी समय बीजेपी के संगठन में काम करने वो 30 जुलाई 2019 को बंगाल का 28वां राज्‍यपाल बन गये। उन्‍हे बंगाल के राज्‍यपाल के तौर पर शपथ देश के राष्‍ट्रपति रामनाथ गोविंद ने दिलाई।
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राज्‍यपाल के तौर पर जगदीप धनखड़ का कैरियर

जगदीप धनखड़ 30 जुलाई 2019 को बंगाल के राज्‍यपाल नियुक्‍त किये थे। बंगाल के राज्‍यपाल के तौर पर वो कई बार ममता बनर्जी की सरकार की तीखी आलोचना कर चुके है। अपने कार्यकाल के दौरान वो कई बार ममता बनर्जी की सरकार से सीधे तौर पर टकरा चुके है। बंगाल का राज्‍यपाल होने की हैसियत से वो खुल तौर पर कई बार कह चुके है कि बंगाल में लोकतांत्रिक हालात ठीक है। उन्‍होने एक बार तो यहा तक कह दिया था कि पश्चिम बंगाल ज्वालामुखी पर बैठा है और काफी क्रिटिकल स्टेज में है। तब उन्‍होने बंगाल की राज्‍य सरकार के रवैये पर सीधे तौर पर हमला करते हुए कहा था कि बंगाल में लोकतंत्र नाम की कोई चीज नही है। बंगाल में रहते हुए अगर अच्‍छी जिंदगी बितानी है तो एक ही रास्ता है, सत्ताधारी पार्टी के साथ आ जाओ।

jagdeep dhankhar with mamta banerji

ममता बनर्जी कई बार जगदीप धनखड़ को लेकर ये कह चुकी है कि वो केन्‍द्र सरकार के मुलाजिम के तौर पर बंगाल में काम कर रहे है। वो बंगाल के अंदर केन्‍द्र सरकार के फैसलो को थोपने की कोशिश करते है। ममता बनर्जी एक बार तो बंगाल के राज्‍यपाल जगदीप धनखंड से इतना ज्‍यादा चिढ़ गई थी कि उन्‍होने ट्टिटर पर उन्‍हे ब्‍लॉक कर दिया था।

जगदीप धनखड़ ने अभी हाल ही में उदयपुर के प्रताप गौरव केन्‍द्र में बंगाल सरकार की आलोचना करते हुए कहा था कि पश्चिम बंगाल में कानून का नही, शासक का राज है। तब उन्‍होने कहा था कि बंगाल में हुए विधानसभा चुनावो के बाद उन्‍होने जब हिंसा का ताडंव देखा उसे वो अपने शब्‍दो से बयान भी नही कर सकते।

ममता बनर्जी के साथ इतना ज्‍यादा मनमुटाव होने के बाद भी वो कई बार ममता बनर्जी को अपनी छोटी बहन कह चुके है। जब वो पहली बार बंगाल के राज्‍यपाल बने थे ममता बनर्जी ने खुद राष्‍ट्रपति आकर उनकी कलाई में राखी बाधी थी।

जगदीप धनखड़ का व्‍यक्तिगत जीवन

जगदीप धनखड़ ने 1979 में शादी कर ली थी। उनकी पत्‍नी का नाम सुदेश धनखड़ है। जगदीप धनखड़ की एक बेटी भी है जिसका नाम कामना है। उनकी बेटी की भी शादी हो चुकी है और उनके पति का नाम कार्तिकेय है। कामना का एक बेटा भी जिसका नाम कविश है। इस तरह से जगदीप धनखड़ नाना बन चुके हैं।

Jagdeep Dhankhar with family

जगदीप धनखड़ का सलमान खान के साथ क्‍या कनेक्‍शन है

एनडीए के उपराष्‍ट्रपति पद के उम्‍मीदवार जगदीप धनखड़ का हिन्‍दी सिनेमा के सुपरस्‍टार सलमान खान से भी कनेक्‍शन है। जी हॅा आपने बिल्‍कुल ठीक पढ़ा। दरअसल सलमान खान के ऊपर 1998 में जोधपुर में हम साथ साथ है की शूटिंग के दौरान काले हिरण का शिकार करने का आरोप लगा था। उनका केस जगदीप धनखड़ ने ही लड़ा था। उन्‍हे सलमान खान के अधिवक्‍ता देवानंद गहलोत ने इस केस के लिए चयनित किया था। इस केस की सुनवाई के दौरान जगदीप धनखड़ सलमान खान को जमानत दिलवाने में कामयाब हो गये थे। अदालत में जमानत मिलने के बाद जगदीप धनखड़ और सलमान खान की मुलाकात भी हुई थी।

Jagdeep Dhankhar biography in hindi : भारत के 14वें राष्‍ट्रपति बन गये जगदीप धनखड़

बीजेपी के अध्‍यक्ष जेपी नड्डा के उपराष्‍ट्रपति पद के उम्‍मीदवार के तौर पर जगदीप धनखड़ के ऐलाने के बाद से ये तय माना जा रहा था कि वो ही भारत के 14वें उपराष्‍ट्रपति बनेंगे। दरअसल ऐसा मानने की वजह ये है कि उपराष्‍ट्रपति बनाने के लिए जो समीकरण चाहिए थे एनडीए के पक्ष में थे। इसलिए जगदीप धनखड़ को उपराष्‍ट्रपति बनने में कोई दिक्‍कत नही आई। उपराष्‍ट्रपति बनने के लिए लोकसभा और राज्‍यसभा, दोनो सदनो के निर्वाचित सांसदो के वोटो की जरूरत होती है। इस वक्‍त दोनो सदनो को मिलाकर कुल 780 निर्वाचित सांसद है। जिनमे से अकेले भाजपा के ही 394 सांसद है। उपराष्‍ट्रपति पद का चुनाव जीतने के लिए 390 से अधिक मतो की आवश्‍यकता होती थी जो उन्‍हे आसानी से मिल गई। ।

ऐसे में ये निश्चित तौर पर कहा जा सकता है कि जगदीप धनखड़ ही भारत के अगले उपराष्‍ट्रपति बनने वाले है। आपको बता दे कि उपराष्‍ट्रपति पद के चुनाव के लिए नांमाकन पत्र 19 जुलाई को भरा गया जिसके बाद 6 अगस्‍त को उपराष्‍ट्रपति पद के लिए इलेक्‍शन हुआ। इस इलेक्‍शन को आसानी से जीतकर वो उपराष्‍ट्रपति पद का उम्‍मीदवार जीत गये।

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जगदीप धनखड़ का सक्षिप्‍त जीवन परिचय

पूरा नाम (Full Name)जगदीप धनखड़
पिताजी का नाम (Father’s Name)चौधरी गोकुलचंद धनखड़
माता का नाम (Mother’s Name)केसरी देवी
पेशाएडवोकेट, राजनीतिज्ञ
पार्टीभारतीय जनता पार्टी
जन्म तिथि (Birthday)18 मई 1951
आयु (Age)71 वर्ष
जन्म स्थानकिठाना, राजस्थान, भारत
चुनावक्षेत्रझुंझुनू, राजस्थान
लंबाई5 फिट 4 इंच
जातिजाट
धर्महिंदू
पत्नी (Wife)सुदेश धनकड़
संपत्ति10 लाख
भारतीय जनता पार्टी से जुड़े2003

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उपराष्‍ट्रपति पद उम्‍मीदवार जगदीप धनखड़ का गोत्र क्‍या है

उपराष्‍ट्रपति पद के उम्‍मीदवार जगदीप धनखड़ जाट समुदाय से है।

जगदीप धनखड़ की बेटी का क्‍या नाम है

जगदीप धनखड़ की बेटी का नाम कामना है। कामना के एक बेटा भी है जिसका नाम कविश है

जगदीप धनखड़ का जन्‍म कब हुआ था

जगदीप धनखड़ का जन्‍म 18 मई 1951 को राजस्‍थान के किठाना नाम के एक गांव में हुआ था

जगदीप धनखड़ बंगाल के राज्‍यपाल कब बने थे

जयदीप धनखड़ बंगाल के राज्‍यपाल 30 जुलाई 2019 को बने थे

जगदीप धनखड़ की शिक्षा कहा से हुई

जगदीप धनखड़ ने अपनी पढ़ाई की शुरूआत अपने गांव के ही एक सरकारी माध्‍यमिक स्‍कूल से की थी। इस स्‍कूल में कुछ सालो तक पढ़ने के बाद वो सैनिक स्‍कूल चित्‍तौढ़ में आगे की पढ़ाई करने के लिए चले गये थे। सैनिक स्‍कूल से 12 वी करने के बाद उन्‍होने महाराजा कॉलेज से भौतिकी में स्‍नातक की। भौतिकी में स्‍नातक करने के उन्‍होने राजस्‍थान विश्‍वविधालय से कानून की पढ़ाई की है।

जगदीप धनखड़ की पत्‍नी का नाम क्‍या है

जगदीप धनखड़ की पत्‍नी का नाम सुदेश धनखड़ है

क्‍या जगदीप धनखड़ के ऊपर कोई अपराधिक मुकदमा भी दर्ज है

नही, जगदीप धनखड़ एक साफ छवि के नेता रहे है। उनके ऊपर देश की किसी भी अदालत में कोई भी अपराधिक मामला दर्ज नही है।

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