ManManoj muntashir kaun hai, आजकल न्यूज में जिस एक नाम की सबसे ज्यादा चर्चा हो रही है। वो नाम है मनोज मुंतशिर (Manoj muntashir). मनोज मुंतशिर ने अभी हाल ही अपनी एक वीडियों यू-ट्यूब पर शेयर की है। इस वीडियों में वो मुगल बादशाह अकबर को डकैत और लुटेरा बताते हुए दिखाई दे रहे है। उनकी इस वीडियों के बाद से मुगलों को लेकर एक बहस छिड गई है। सहमति और असहमति, दोनो तरह के सुर सुनाई दे रहे है।
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प्यार, इश्क और मोहब्ब्त के गीत लिखने वाला एक गीतकार इतिहास के अनसुलझी पहलियों में कैसे उलझ गया। गीतों से इश्क करने वाला हिन्दुस्तान के ऐसे अतीत ये इश्क कैसे करना लगा जिसकी वजह से सिर्फ नफरते परवान चढा करती है। आज हम आपको मनोज मुंतशिर के जिन्दगी की पूरी कहानी आपके सामने रखने वाले है। इस लेख के जरिये आपको मनोज मुंतशिर की शाख्सियत के बारे में काफी कुछ जानने को मिलेगा।
मनोज मुंतशिर की जीवनी
मनोज मुंतशिर ( Manoj muntashir kaun hai) एक गीतकार, पटकथा लेखक, कवि और कहानीकार है। वो अब तक कई फिल्मों के लिए गाने लिख चुके है। मनोज मुंतशिर का रियल नाम (Manoj muntashir real name) मनोज शुक्ला है। बचपन से ही लिखने पढने के शौकीन रहे मनोज मुंतशिर का जन्म 27 फरवरी 1976 अमेठी के गौरीगंज में एक किसान परिवार में हुआ था। उन्हे बचपन से ही पढने लिखने का बेहद शौक था। शायरी से उन्हे बेहद लगाव था।
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जब वो सातवी कक्षा में थे तो ही उन्होने दीवाने गालिब को पढना शुरू कर दिया था। एक हिन्दू ब्राह्मण परिवार में पैदा होने की वजह से उन्हे उर्दू नही आती थी। उर्दू जाने बिना वो गालिब की शायरी को नही समझ पा रहे थे। शायरी के प्रति उनके जुनून के बीच में उर्दू भाषा आ रही है। अपने और शायरी के बीच की इसी रूकावट को दूर करने के लिए उन्होने अपने पास की एक मस्जिद से 2 रूपये में एक उर्दू की किताब खरीदी थी। इस किताब में उर्दू के वाक्यों में हिन्दी भाषा में लिखा गया था। उर्दू की प्रारम्भिक शिक्षा उनकी इस किताब से हुई थी।

मनोज मुतंशिर ने अपने बचपन में ही सपना देख लिया था कि उन्हे बडे होकर फिल्मों में गीत लिखने है। परिवार आर्थिक रूप से बेहद कमजोर था। पढने में बचपन से काफी ज्यादा होशियार थे। इसी लिए मनोज के पिता चाहते थे कि उनका बेटा बडे होकर कोई अच्छी सरकारी नौकरी करे। जिन्दगी की दुश्वारियों और मजबूरियों से बेखबर मनोज अपनी ही धुन में मस्त अपने ख्यालों की दुनिया में खोये रहते थे।
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शुरूआत में उन्हे उनके पिता ने काफी समझाया कि अपने कैरियर को लेकर कुछ सोचा करो। लेकिन मनोज मुंतशिर ने अपने पिता से साफ कह दिया था कि वो स्नातक तक की पढाई तो करेगे। लेकिन इसके बाद वो सिर्फ वो ही करेंगे जो उनका मन करेगा। मनोज मुंतशिर हिन्दी फिल्मों के लीजेन्ड गीतकार साहिर लुधियानवी से काफी ज्यादा प्रभावित थे। उनके गानों में साहिर लुधियानवी की झलक साफ दिखाई देती है।
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फिल्मों गीतों की दुनिया में अहम मुकाम हासिल कर चुके मनोज मुतंशिर ( Manoj muntashir kaun hai) ने सांइस की पढाई की है। उन्होने इलाहाबाद यूनिवसिर्टी से बीएससी की है। उन्होने इंटर तक की पढाई अमेठी के गौरीगंज के कॉनवेंट स्कूल से की है। 1997 में स्नातक की पढाई के दौरान उन्होने आकाशवाणी में 300 रूपये महीने पर नौकरी भी है।
मनोज मुतंशिर का कैरियर
मनोज मुंतशिर का सपना हिन्दी फिल्मों के लिए गीत लिखना था। इसके लिए उन्हे मुबई जाना था। जब उन्होने ये बात अपने पिता को बताई थी तो उनके पिता ने उन्होने 600 रूपये देते हुए कहा था कि ये मुबई जाने और मुबई से वापस आने के पैसे है। अगर काम ना मिले तो वो घर लौट आना।
मनोज अपने पिता से ये 600 रूपये लेकर मुबई चले गये थे। मुबई पहुंचकर उन्हे तकरीबन 1 साल तक कोई खास काम नही मिला। वो इस दौरान अपने सघर्ष को लेकर बताते है कि कई बार उन्हे पैसे ना होने की वजह से फुटपाथ पर भी सोना पडा था।
जब मनोज मुंतशिर को मिला पहला ब्रेक
मनोज मुतशिर को मुबई में पहला काम अनुप जलोटा ने दिया। अनुप जलोटा ने पहली बार 1999 में उनसे भजन लिखवाये। इसके लिए उन्होने मनोज को 3000 रूपये दिय। ये मनोज मुतशिर की मुबई में पहली कमाई थी।
जब मनोज मुतशिर की अमिताभ बच्चन से मुलाकात हुई
ये उन दिनों की बात है। जब अमिताभ भारत का पहला क्विज शो कौन बनेगा करोडपति लाने वाले थे। बात 2005 की है। सोनी टीवी के एक अधिकारी ने मनोज मुतशिर के काम से प्रभावित होकर उनके बात की। इस अधिकारी ने मनोज ( Manoj muntashir kaun hai) की मुलाकात अमिताभ बच्चन से करवाने की बात की। पहले तो मनोज को इस बात पर विश्वास नही हुआ कि उनकी मुलाकात अमिताभ बच्चन से होने वाली है। ये अधिकारी मनोज को एक होटल में ले गया।
इस होटल में पहली बार मनोज की मुलाकात अमिताभ बच्चन से हुई। अमिताभ बच्चन मनोज से काफी ज्यादा प्रभावित हुए। उन्होने मनोज को कौन बनेगा करोडपति की स्किप्ट लिखने का आफर दे दिया। ये मनोज को मिला पहला बडा ब्रेक था। मनोज के शब्द पहली बार टीवी पर कौन बनेगा करोडपति में सुनाई दिये। इस शो ने टीआरपी के मामले में टीवी के सारे रिकार्ड तोड दिये। इसके बाद मनोज मुतशिर ने कभी पीछे मुडकर नही देखा। उन्होने बाद में इंडियाज गॉट टैलेंड, डॉस इंडिया डॉस, इंडियन आइडल जैसी शोज की भी स्किप्ट लिखी।
मनोज मुंतशिर के द्वारा लिखित कुछ लोकप्रिय गीत –
- फिल्म ‘एक विलेन’- ‘गलियां’ (2014)
- फिल्म ‘बाहुबली: द बिगिनिंग’ (2015)
- फिल्म ‘जय’ गंगाजल’ (2016)
- फिल्म’ दो लफ्जों की कहानी – ‘ कुछ तो है’(2016)
- फिल्म ‘रुस्तम’ (2016)
- फिल्म ‘एमएस धोनी: द अनटोल्ड स्टोरी’ ( 2016)
- फिल्म ‘हाफ गर्लफ्रेंड’ – ‘फिर कभी’ (2017)
- फिल्म ‘बाहुबली 2: द कन्क्लूजन’ (2017)
- फिल्म ‘बाधासहो’ (2017)
- फिल्म ‘बत्ती गुल मीटर चालु’ – ‘दिल चाहता है’ (2018)
- फिल्म ‘जीनियस’ – ‘दिल मेरा न सुनी’ (2018)
- फिल्म ‘कबीर सिंह’ (2019)
- फिल्म ‘केसरी’ – ‘तेरी मिट्टी’ (2019)
सम्मान एवं पुरस्कार ( Honors & Awards )
- फिल्म ‘एक विलेन’ (2015) के गीत ‘गलियां’ के लिए सर्वश्रेष्ठ गीत के लिए अरब इंडो बॉलीवुड अवार्ड.
- इंडियन टेलीविजन अवार्ड फॉर बेस्ट स्क्रिप्ट (नॉन-फिक्शन) शो ‘इंडियाज गॉट टैलेंट’ (2014) के लिए मिर्ची म्यूजिक अवार्ड्स.
- फिल्म ‘हाफ गर्लफ्रेंड’ (2014) से ‘फिर भी तुमको चाहूंगा’ के लिए सर्वश्रेष्ठ गीत के लिए श्रोताओं की पसंद का पुरस्कार.
- फिल्म ‘एक विलेन’ (2015) के लिए श्रोताओं की पसंद का एल्बम.
- फिल्म ‘एक विलेन’ (2015) के गीत ‘गलियां’ के लिए सर्वश्रेष्ठ गीत अवार्ड्स.
- फिल्म ‘बाधासाहो’ (2015) के गाने ‘तेरे रश्के क़मर’ के लिए सर्वश्रेष्ठ गीत केलिए द इंडियन आइकन फिल्म अवार्ड्स.
- 2016 में फिल्म ‘रुस्तम’ के गीत ‘तेरे संग यारा’ के लिए सर्वश्रेष्ठ गीत हंगामा सर्फर्स च्वाइस अवार्ड.
- फिल्म ‘कबीर सिंह’ (2019) के लिए एल्बम के लिए श्रोताओं की पसंद का पुरस्कार.
- फ़िल्म ‘केसरी’ (2019) के लिए क्रिटिक्स अवार्ड ऑफ़ द ईयर IIFA अवार्ड्स.

इशात जैदी एक लेखक है। इन्होने पत्रकारिता की पढाई की है। इशात जैदी पिछले कई सालों से पत्रकारिता कर रहे है। पत्रकारिता के अलावा इनकी साहित्य में भी गहरी रूचि है।