Mulayam singh yadav biography in hindi | मुलायम सिंह यादव का जीवन परिचय

Mulayam singh yadav biography in hindi (birth, family, caste, education, career, political career, marriage)

कई दशको तक देश के सबसे बड़े सूबे उत्‍तरप्रदेश की राजनीति की दिशा और दशा तय करने वाले सामाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव 82 साल की उम्र मे निधन हो गया है। वो पिछले कई दिनो से गम्‍भीर बीमारी से जूझ रहे है। एक बेहद साधारण परिवार में पैदा होकर उत्‍तरप्रदेश के सीएम बनने तक का सफर तय करने वाले मुलायम सिंह यादव की जिन्‍दगी का सफर काफी रोचक और प्रेरणादायक रहा है। आज इस लेख में हम आपको मुलायम सिहं यादव की हिस्‍ट्री बताने वाले है। मुलायम सिंह यादव के बारे में विस्‍तार से जानने के लिए इस लेख को पूरा जरूर पढ़े।

Mulayam singh yadav biography in hindi

Mulayam Singh Yadav birth and family

एक बेहद ही साधारण परिवार में पैदा होकर तीन बार यूपी के मुख्‍यमंत्री बनने वाले मुलायम सिंह यादव का जन्‍म उत्‍तरप्रदेश के इटावा जिले के सैफई गांव में हुआ था। उनके पिता का नाम सुघर सिंह यादव था जो कि एक किसान थे। मुलायम सिंह यादव की मां का नाम मूर्ति देवी है। मुलायम सिंह यादव के अलावा सुघर सिंह यादव 4 बेटे और 1 बेटी थी। इस तरह मुलायम सिंह यादव के पांच भाई बहन है। उनके भाईयो के नाम रतन सिंह यादव, अभयराम सिंह, शिवपाल सिंह यादव, राजपाल सिंह यादव है। उनकी बहन का नाम कमला देवी है।

Mulayam Singh Yadav caste

मुलायम सिंह यादव ओबीसी कैटेगरी से आते है। वो एक पिछडी जाति से ताल्‍लुक रखते है। उनका जन्‍म यादव समाज में हुआ है।

Mulayam Singh Yadav education

मुलायम सिंह यादव एक बेहद ही आम किसान परिवार में पैदा हुये थे। उनके खेती किसानी उनके परिवार का खानदानी पेशा हुआ करता था। जिसकी वजह से उनके घर में  पढ़ाई लिखाई को लेकर कोई खास माहौल नही था। लेकिन अपने परिवार से अलग मुलायम सिहं यादव को बचपन से ही पढ़ने लिखने का काफी शौक था। अपने इसी शौक चलते उन्‍होने अपनी पढ़ाई  की शुरूआत इटावा के ही एक सरकारी स्‍कूल से की। अपने स्‍कूल के दिनो में मुलायम सिंह यादव स्‍कूल जाने के साथ खेती किसानी में भी अपने परिवार की मदद किया करते है।

अपनी शुरूआती पढ़ाई पूरी करने के बाद मुलायम सिंह यादव ने इटावा के ही कर्मक्षेत्र पीजी कॉलेज में बीए में एडमीशन ले लिया। उनकी राजनीति  में गहन रूचि थी। इसलिए उन्‍होने अपने बीए की पढ़ाई भी राजनीति विज्ञान में की है। मुलायम सिंह यादव के पास राजनीति विज्ञान में तीन तीन डिग्रियां है। इटावा के कर्मक्षेत्र पोस्‍ट ग्रेजुएट कॉलेज से बीए करने के बाद उन्‍होने शिकोहाबाद के ए.के. कॉलेज से बी.टी. की और आगरा यूनिवसिर्टी  से एम.ए. की डिग्री भी हासिल की है।

सहकारी बैंक के निदेशक भी रहे मुलायम

अपनी पढाई पूरी करने के बाद मुलायम सिंह यादव ने कुछ सालो तक नौकरी भी की। वो जसवंतनगर और इटावा के सहकारी बैंक के निदेशन भी रहे है। इसके अलावा मुलायम सिंह ने एक सरकारी स्‍कूल में अध्‍यापन का कार्य भी किया है। लेकिन बाद में राजनीति में आने के बाद उन्‍होने अपने अध्‍यापन के कार्य से इस्‍तीफा दे दिया।

Mulayam Singh Yadav Political career

मुलायम सिंह यादव के पिता चाहते थे कि उनका बेटा देश का एक बड़ा पहलवान बने। उनके पिता ने उन्‍हे पहलवानी की ट्रेनिग उन्‍हे बचपन में ही देना शुरू कर दी थी। अपने पिता की इसी उम्‍मीद की वजह से मुलायम सिंह यादव ने पहनवानी का अभ्‍यास भी जमकर किया है। वो पहलवानी में भी खुब दमखम रखते है। अपनी जवानी के दिनो में मुलायम सिंह यादव ने पहलवानी में भी जमकर नाम कमाया है।

मुलायम सिंह यादव हमेशा से ही अपनी जिन्‍दगी में कुछ बड़ा करना चाहते थे। उन्‍हे लोगो से मिलकर देश के अलग अलग मसलो पर बात करना काफी पसनद था। अपनी जवानी के  दिनो में ही उन्‍होने सरकार के खिलाफ होने वाले विरोध प्रर्दशनो में भाग लेना शुरू कर दिया था।

मुलायम यादव राजनीति की दुनिया में चौधरी नत्‍थूसिंह को अपना गुरू मानते है। मुलायम सिंह यादव ने अपनी जिन्‍दगी का पहला चुनाव भी जसवंत नगर की उसी सीट से लड़ा था जहा से हमेशा से ही नत्‍थूसिंह लड़ा करते थे।

एक विधायक के रूप में मुलायम सिंह यादव की राजनीति जीवन की शुरूआत 1967 में हुई। इसी साल उन्‍होने अपने गुरू की सीट जसवंत नगर से विधानसभा का चुनाव लड़ा। उन्‍होने अपना ये चुनाव संयुक्‍त सोशलिस्‍ट पार्टी के टिकट पर लड़ा था। अपने पहली ही विधानसभा चुनावो में मुलायम सिंह यादव को जबरदस्‍त जीत मिली थी।

जब केन्‍द्र में राजमंत्री बने मुलायम सिंह यादव

मुलायम सिंह यादव के लिए साल 1977 भी काफी महत्‍वपूर्ण रहा है। यह वो समय था जब उत्‍तरप्रदेश में कॉग्रेस का खूब विरोध होता था। इसी विरोध के चलते यूपी में  जनता पार्टी की सरकार बनी थी। लेकिन जब 1980 में कॉग्रेस पार्टी दोबारा से सत्‍ता में आई तो मुलायम सिंह यादव को राज्‍यमंत्री बनाया गया। इसके बाद मुलायम सिंह यादव लोकदल पार्टी के अध्‍यक्ष भी बने। लेकिन बाद में इस पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ते हुए वो चुनाव हार गये। बाद में उन्‍होने लोकदल पार्टी  के सभी पदो से इस्‍तीफा दे दिया।

जब देश के रक्षा मंत्री बने मुलायम सिंह यादव

मुलायम सिंह ने बहुत ही कम समय में अपनी गिनती देश के बड़े नेताओ में करवा ली थी। वो 1996 में पहली बार मैनपुरी लोकसभा क्षेत्र से सांसद चुने गये। ये वो समय था जब मुलायम सिंह यादव संयुक्‍त मोर्चा सरकार में शामिल थे। यही वो समय था जब वो देश रक्षा मंत्री भी बने।

जब मुलायम सिंह यादव ने किया समाजवादी पार्टी का गठन

कई  सालो तक अलग अलग पार्टी  के साथ काम करने के बाद मुलायम सिंह यादव ने 1992 में अपनी एक अलग पार्टी बना ली। उन्‍होने अपनी पार्टी का नाम सामाजवादी पार्टी रखा। उन्‍होने अपनी पार्टी को जन जन तक पहुंचाने के लिए काफी मेहनत की। उन्‍होने ओबीसी और यादव सामाज को अपनी पार्टी से जोडा। मुलायम सिंह यादव एक सैकुलर नेता थे। इसलिए बहुत बड़ी सख्‍या में यूपी के मुसलमान भी उनकी पार्टी के साथ जुड़ गये। इस तरह यादव,ओबीसी और मुस्लिम वोटो के दम पर अपनी पार्टी के दम पर तीन बार यूपी के मुख्‍यमंत्री बने । 2012 का साल सामाजवादी पार्टी के लिए काफी महत्‍वपूर्ण रहा। इस साल सामाजवादी पार्टी  पूर्ण बहुमत से साथ विजयी रही।

Mulayam singh yadav Marrige

मुलायम सिंह यादव ने दो शादियां की है। उनकी पहली पत्‍नी का नाम मालती देवी है। मालती देवी के साथ मुलायम सिंह यादव की शादी 1957 को हुई। इन दोनो का एक बेटा भी है जिनका नाम अखिलेख यादव है। अखिलेश यादव इस वक्‍त समाजवादी पार्टी के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष भी है। वो साल 2012 से लेकर साल 2017 तक उत्‍तरप्रदेश के मुख्‍यमंत्री भी रह चुके है।अखिलेश यादव की मा की मृत्‍यू 2003 में हुई थी।

मालदी देवी की मृत्‍यू होने के बाद मुलायम सिंह यादव ने दूसरी शादी कर ली। 2003 में उन्‍होने अपनी पार्टी की कार्यकर्ता साधना गुप्‍ता को अपनी पत्‍नी का दर्जा दे दिया। साधना गुप्‍ता की शादी 1986 में एक बिजनेसमैन चंद्रप्रकाश गुप्‍ता से हो चुकी थी। उनका एक बेटा भी था। लेकिन बेटे के होने के दो साल वो दोनो अलग हो गये थे। अपने पति से अलग होने के बाद साधना ने सामाजवादी पार्टी ज्‍वाइन कर ली। समाजवादी पार्टी में आने के बाद मुलायम सिंह यादव और साधना के बीच नजदीकिया बढ़ने लगी। बाद में इन दोनो में प्‍यार हो गया। मुलायम सिंह यादव अपनी पत्‍नी की मौत से पहले कभी साधना के साथ अपने रिश्‍तो के बारे में कुछ नही कहा। बाद में मुलायम सिंह यादव ने ना केवल साधना को अपनी पत्‍नी माना बल्कि उसके बेटे प्रतीक को भी अपना सरनेम दिया।

अखलेश यादव को अपनी सौतेली मां साधना बिलकुल भी पसंद नही थी। वो साधना को लेकर अक्‍सर अपने पिता से नाराज भी रहा करते थे। बाद में जब बात हद से आगे बढ़ गई तो उन्‍होने अपने पिता से एक समझौता किया। इस समझौते के तहत अखिलेख यादव ने ये शर्त रख दी कि साधना और प्रतीक यादव कभी भी राजनीति में कदम नही रखेंगे।

साधना और प्रतीक यादव ने तो समझौते के तहत कभी राजनीति में कदम नही रखा। लेकिन प्रतीक की पत्‍नी अपर्णा बिष्‍ट यादव राजनीति में आ गई। कुछ सालो तक सामाजवादी पार्टी में रहने के बाद पारिवारिक लड़ाईयो के चलते उन्‍होने अपनी पार्टी छोड़ दी। अर्पणा फिलहाल बीजेपी में शामिल है।

मुलायम सिंह की दूसरी पत्नी साधना गुप्ता की भी मृत्‍यू हो चुकी है। वो 22 जुलाई 2022 को उन्‍हे गुरूग्राम के मेदांता हॉस्पिटल में एडमिट किया गया था। जहा 62 साल की उम्र में एक लम्‍बी बीमारी के चलते उनकी मृत्‍यू हो गई।

Mulayam singh yadav biography ( short introduction)

पूरा नाममुलायम सिंह यादव
जन्‍म22 नवंबर 1939
आयु81 वर्ष
जन्‍मस्‍थानसैफई, इटावा, उत्‍तर प्रदेश
पिता का नामसुघर सिंह यादव
माता का नाममूर्ति देवी
भाईरतन सिंह यादव,
अभय राम सिंह यादव,
शिवपाल सिंह यादव
राजपाल सिंह
बहनकमला देवी
पहली पत्‍नी का नाममालती देवी
दूसरी पत्‍नी का नामसाधना गुप्‍ता
बच्‍चेअखिलेश यादव प्रतीक यादव
पेशाराजनीति
पार्टीसमाजवादी पार्टी
पदसंरक्षक
नेटवर्थ16.52 करोड़ रुपए

Mulayam Singh Yadav family tree

पिता का नाम (Mulayam Singh Yadav Father Name)स्व. श्री सुघर सिंह यादव
माता का नाम (Mulayam Singh Yadav mother Name)मूर्ति देवी
भाई का नाम (Mulayam Singh Yadav Brother Name)शिवपाल सिंह यादव, राजपाल सिंह यादव, अभय राम यादव, रतन सिंह यादव
बहन का नाम (Mulayam Singh Yadav Sister Name)कमला देवी यादव
पहली पत्नी का नाम  (Mulayam Singh Yadav First Wife Name)स्व. मालती देवी
दूसरी पत्नी का नाम  (Mulayam Singh Yadav Second  Wife Name)स्व. साधना गुप्ता
बेटे का नाम (Mulayam Singh Yadav Son Name)अखिलेश यादव (पहली पत्नी से),
प्रतीक यादव (दूसरी पत्नी से)
बहू का नाम (Mulayam Singh Yadav daughter-in-law’s name)डिंपल यादव, अपर्णा यादव

Mulayam Singh Yadav Controversies in Hindi

मुलायम सिंह यादव का राजनैतिक कैरियर सफल होने के साथ कई तरह के विवादो से भरा हुआ भी रहा है। मुलायम सिंह के पॉलिटिकल कैरियर को लेकर कई आरोप लगे है। उनपर सबसे बड़ा आरोप ये लगा है कि 1922 में बाबरी मस्जिद विवाद के दौरान रक्षामंत्री रहते हुए उन्‍होने कार सेवको के ऊपर गोली चलाने का आदेश दे दिया था। जिसकी वजह से गोली लगने के चलते कई कारसेवको को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा था।

मुलायम सिंह यादव अपने बयानो के चलते भी कई बाद विवादो में आ चुके है। 2015 में देश में रेप के मामलो पर अपनी टिप्‍पणी देते हुए उन्‍होने यहा तक कह दिया है कि लड़के तो कभी कभी गलती हो जाती हैै। इसके अलावा मुलायम सिंह यादव ने अग्रेजी और कम्‍प्‍यूटर शिक्षा को लेकर भी काफी अजीब सी बात की थी। उन्‍होने कहा था कि इन शिक्षाओ की वजह से बेरोजगारी फैलती है। इन्‍ही सब बयानो के चलते वो कई बार विवादो में ही आ चुके है। इसके अलावा अखिलेश यादव के ऊपर पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर को धमकाने का भी आरोप लग चुका है। उनका एक ऑडियों भी खुब फेमस हुआ था। इस केस के बाद सीजेएम सोमप्रभा मिश्रा ने मुलायम सिंह यादव के खिलाफ आईपीसी की 156(3) के तहत एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था।

Mulayam Singh Yadav (Some interesting facts)

  • मुलायम सिंह 1960 के दशक में ही राजनैतिक रूप से काफी ज्‍यादा एक्टिव हो गये थ। वो राम मनोहर लोहिया के शिष्‍य थे। राजनीति के दावपेंच उन्‍होने राम मनोहर लोहिया से ही सीखे है।
  • पिताजी मुलायम सिंह यादव को पहलवान बनाना चाहते थे लेकिन वो पहलवानी के साथ साथ राजनैतिक रैलियों और आंदोलन में हिस्‍सा भी लिया करते थे।
  • मुलायम सिंह यादव ने अपना पहला चुनाव 1967 में जसवंत नगर की विधानसभा सीट से लड़ा थ। उन्‍हे अपने पहले ही चुनाव में जीत मिली थी।
  • जब मुलायम सिंह यादव अपना पहला चुनाव लड़ रहे थे तो उनके पास प्रचार प्रसार करने के लिए साईकिल के अलावा कुछ भी नही था।
  • 1975 में जब देश में इंदिरा गांधी ने आपातकाल लगाया था तो उस वक्‍त देश के अन्‍य बड़े नेताओ के साथ साथ मुलायम सिंह यादव को भी गिरफ्तार कर लिया गया था।
  • आपातकाल के दौरान मुलायम सिंह यादव तकरीबन 19 महीनो तक जेल में रहे थे।
  • मुलायम सिंह यादव पहली बार 1977 में राज्‍य मंत्री बने थे। राज्‍य मंत्री बनने के बाद 1980 में वो पीपुल्‍स पार्टी के प्रसिडेंट भी बने।
  • 1982 में मुलायम सिंह यादव उत्‍तर प्रदेश विधान परिषद में विपक्ष के नेता भी बने। वो 1985 तक इसी पद पर बने रहे।
  • मुलायम सिंह यादव 1987 में वीपी सिंह के संंपर्क में आये। बाद में सयुक्‍त मोर्चा और वीपी सिंह के सहयोग से वो 1989 में पहली बार यूपी के सीएम बने।
  • बाद में लोकदल का विभाजन हो गया। बाद में मुलायम सिंह यादव ने 4 अक्‍टूबर 1992 में अपनी अलग सामाजवादी बना ली।
  • मुलायम सिंह यादव ने 1992 में बसपा की नेता मायावती के साथ गठबन्‍धन करके अपनी सरकार बना ली। वो दूसरी बार यूपी के मुख्‍यमंत्री बने।
  • 2003 में वो बीजेपी के सपोर्ट से तीसरी बार यूपी के मुख्‍यमंत्री बने।
  • मुलायम सिंह यादव केन्‍द्र में रक्षा मंत्री भी रहे चुके है।
  • मुलायम सिंह यादव ने अपना आखिरी चुनाव 2019 में आजमगढ़ की सीट से लडा। इस चुनाव को भी उन्‍होने आसानी से जीत लिया था।

Mulayam Singh Yadav Health Update

उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम और सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव का सोमवार को गुरुग्राम के अस्पताल में निधन हो गया. उन्होंने सोमवार 10 अक्‍टूबर सुबह 8.16 बजे अपनी जिन्‍दगी की आखिरी सांस ली

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मुलायम सिंह यादव का जन्म कब हुआ

मुलायम सिंह यादव का जन्म 22 नवंबर 1939 में उत्तर प्रदेश के इटावा के सैफई गांव में साधारण किसान परिवार में हुआ

मुलायम सिंह यादव के कितने बेटे हैं

मुलायम सिंह यादव के दो बेटे हैं, जिनका नाम अखिलेश यादव व प्रतीक यादव है।

मुलायम सिंह ने समाजवादी पार्टी का गठन कब किया

मुलायम सिंह ने समाजवादी पार्टी का गठन 1992 में किया

मुलायम सिंह यादव मुख्यमंत्री कब बने?

मुलायम सिंह यादव पहली बार साल 1989, दूसरी बार 1993 तथा तीसरी बार 2003 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बन चुके हैं।

मुलायम सिंह यादव की जाति क्‍या है

मुलायम सिंह यादव ओबीसी है। वो यादव समाज से आते है

मुलायम सिंह यादव की तबीयत कैसी है

इस वक्‍त उनकी हालत काफी नाजुक बताई जा रही है। उनकी पल्‍स रेट और बीपी भी काफी ज्‍यादा असमान्‍य बताया जा रहा है। वो इस वक्‍त 50 प्रतीशत लाइफ सपोर्ट सिस्‍टम पर है। डाक्‍टर की एक बड़ी टीम 22 अगस्‍त से उनका इलाज करके उन्‍हे ठीक करने में लगी हुई है।

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