ओडिशा के एक क्षेत्र बालासोर में कल शाम तीन ट्रेनों की भीषण टक्कर में 233 लोगों की मौत हो गई
इस दर्दनाक हादसे ने देशभर के लोगो के दिलो को दहला दिया है
ओडिशा ट्रिपल ट्रेन हादसे की मुख्य वजह कोरोमंडल एक्सप्रेस का डिरेल होना यानी, पटरी से उतर जाना बताया जा रहा है
जब ट्रेन के ट्रैक के बीच की चौड़ाई बढ़ जाती है या दो पटरियों के बीच का जोड़ कमजोर हो जाता है, ऐसे में ट्रेन के डिरेल होने की संभावना बढ़ जाती है। इसकी वजह मैन्युफैक्चरिंग और इंस्टालेशन डिफेक्ट, एक्स्ट्रीम गर्मी या मेंटेनेंस की कमी से हो सकता है।
लोको पायलट, गार्ड या किसी अन्य ऑपरेशनल मैनेजर की भूल की वजह से भी ट्रेन पटरी से पलटने की संभावना होती है। अमूमन स्लो सिग्नल के बावजूद ट्रेन को फास्ट चलाना, कम्युनिकेशन गैप, रेलवे रूल्स फॉलो न करना हादसे की वजह बनी है।
जब किसी क्षेत्र में काफी ज्यादा गर्मी पड़ रही हो या किसी क्षेत्र में काफी ज्यादा ठंड हो तो वहां रेलवे पटरियों में फैलाव कम-ज्यादा हो सकता है। ज्यादा बारिश या तेज हवा में रेलवे ट्रैक पर पेड़ गिरने की वजह से भी ट्रेन डिरेल हो सकती है।
लोको पायलट, गार्ड या किसी अन्य ऑपरेशनल मैनेजर की भूल की वजह से भी ट्रेन पटरी से पलटने की संभावना होती है। अमूमन स्लो सिग्नल के बावजूद ट्रेन को फास्ट चलाना, कम्युनिकेशन गैप, रेलवे रूल्स फॉलो न करना हादसे की वजह बनी है।
अगर कोरोमंडल एक्सप्रेस डिरेल हुई और उसके मलबे से बेंगलुरु हावड़ा सुपरफास्ट टकरा गई… ऐसी स्थिति में ट्रैक में फ्रैक्चर, रेलवे इक्विपमेंट्स में गड़बड़ी या मानवीय भूल वजह हो सकती है
या फिर कोरोमंडल एक्सप्रेस ट्रेन मालगाड़ी से टकराकर डिरेल हुई और उसके मलबे से बेंगलुरु हावड़ा सुपरफास्ट टकरा गई… ऐसी स्थिति में जिस ट्रैक पर मालगाड़ी खड़ी थी, उसी ट्रैक पर कोरोमंडल एक्सप्रेस चली गई होगी